आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी नज़र तरसेगी मगर
मिल सकेगे दो मन एक ही गन में

अब के सजन सावन में

दो दिलो के बीच डी दीवारे.बीच
कैसे सुनू.नगी मई. पीया प्रेम की पुकारे.
चोरी चुपके से तुम लाख करो जातां, सजन
मिल सके.नगे दो मान एक ही .नगन में.

अब के सजन सावन में.

इतने बा.दे घर में. नही. एक भी झरो.नका
किस तरह हम दे.नगे भला दुनिया को धोका
रात भर जगाएगी ये मस्त मस्त पवन, सजन
मिल सके.नगे दो मान एक की .नगन में.
ईश...

अब के सजन सावन में.

तेरे मेरे प्यार का ये साल बुरा होगा
जब बहार आएगी तो हाल बुरा होगा
का.न्ते लगाएगा ये फूलो. भरा चमन, सजन
मिल सके.नगे दो मान एक ही .नगन में.

अब के सजन सावन में.
आग लगेली बदन में.

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