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Showing posts from June, 2010
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं. एक दोस्त है कच्चा पक्का सा, एक झूठ है आधा सच्चा सा. ज़ज्बात को ढके एक पर्दा बस, एक बहाना है अच्छा सा. जीवन का एक ऐसा साथी है, जो दूर हो के पास नहीं. कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं. हवा का एक सुहाना झोंखा है, कभी नाजुक तोह कभी तुफानो सा. सकल देख कर जो नज़रें झुका ले, कभी अपना तोह कभी बेगानों सा. जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र, जो समंदर है, पर दिल को प्यास नहीं. कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं. एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है, यादों में जिसका एक धुन्धला चेहरा रह जाता है. यूह तोह उसके न होने का कुछ गम नहीं, पर कभी-कभी आँखों से अनसु बन के बह जाता है. यूह रहता तोह मेरे तस्सवुर में है, पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं. कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं, तुम कह देना कोई ख़ास नहीं... Narender Kumar