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Showing posts from July, 2009
"कुछ तो मजबूरियाँ रहीं होंगी यूँ कोई बेवफा नही होता जी बहुत चाहता है सच बोलें क्या करें हौसला नही होता अपना दिल भी टटोल कर देखो फासला बेवजह नही होता॥" "कोई हँसे तो तुझे ग़म लगे खुशी ना लगे तू रोज़ रोया करे उठ के चाँद रातों में खुदा करे तेरा मेरे बगैर जी न लगे तू भी लुट जाए यूँही आके किसी कि बातों में।"
जिस्म जलता है बहुत दो पल नहाने दो मुझे झील सी अपनी आँखों में डूब जाने दो मुझे. हस्ती से बेजारी न थी मौत से यारी न थी उन राहों पर चल दिए जिसकी तैयारी न थी. फासला तो है मगर अब कोई फासला नहीं है तुम मुझसे जुदा सही मगर दिल से जुदा नहीं. आओ मै और तुम मिलकर चिरागेदिल जलाये कल कैसी हवा चले यह कोई जानता ही नहीं

बहते अश्को की ज़ुबान नही होती,

बहते अश्को की ज़ुबान नही होती, लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती, मिले जो प्यार तो कदर करना, किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती. अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना , हर चोट के निशान को सजा कर रखना । उड़ना हवा में खुल कर लेकिन , अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना । छाव में माना सुकून मिलता है बहुत , फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना । उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं , यादों में हर किसी को जिन्दा रखना । वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना , खुद को दुनिया से छिपा कर रखना । रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी , अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना । तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम , कश्ती और मांझी का याद पता रखना । हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं , अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना । मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं , हर किसी से रिश्ता बना कर रखना ।